सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने इस बात को लेकर राहत जताई है कि रिलायंस जियो ने 1 अप्रैल के बाद डाटा सेवाओं पर शुल्क लगाए जाने की घोषणा की है। हालांकि यह आक्रामक है लेकिन इससे उद्योग को ज्यादा नुकसान नहीं होगा। सीओएआई ने कहा कि ग्राहक अनुभव और निर्धारित किया गया शुल्क आगे चलकर ‘विनर’ और ‘लूजर’ में अंतर स्पष्ट करेंगे।
सीओएआई के महानिदेशक राजन एस मैथ्यूज ने कहा कि जियो ने अपनी सेवाओं के लिए शुल्क की घोषणा कर दी है, जो टेलीकॉम उद्योग के लिए अच्छी खबर है। कम से कम उन्होंने शुल्क लेना तो शुरू किया। हमारे सदस्य अपनी प्रतिक्रिया देंगे लेकिन उद्योग जानकार होने के नाते मैं कह सकता हूं कि उद्योग ने राहत की सांस ली होगी कि जियो ने अपनी सेवाओं पर शुल्कों की घोषणा की है।
मैथ्यूज ने कहा कि अगर एआरपीयू (एवरेज रेवेन्यू पर यूजर) को मौजूदा 180 रुपये से 300 रुपये पर ले जाया जा सके तो 99 रुपये और 303 रुपये खराब कीमतें नहीं हैं। सवाल यह है कि डाटा के भारी-भरकम पैकेज देकर नेटवर्क कितना लोड सहन कर सकता है। यही ग्राहक अनुभव में अंतर को दर्शाएगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज के सोशल मीडिया अकाउंट पर एक लाइव भाषण में कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि जियो यूजर्स ने जियो नेटवर्क पर प्रति माह 100 करोड़ जीबी से ज्यादा डाटा की खपत की, जो प्रतिदिन 3.3 करोड़ जीबी से ज्यादा है।
रिलायंस जियो के मालिक मुकेश अंबानी ने
मंगलवार को जियो ग्राहकों को संबोधित करते हुए उनका धन्यवाद किया और कहा कि
हमने डाटा यूज के मामले में अमेरिका सहित कई देशों को पछाड़ दिया है।
उन्होंने कहा कि हर मिनट 2 करोड़ वॉयस कॉल हुए हैं। भारत के लोगों ने रोज
100 करोड़ गीगा बाइट्स डाटा का यूज किया है, जो कि एक रिकॉर्ड है। इसके साथ
ही इंटरनेट डाटा इस्तेमाल में रिलायंस जियो नंबर एक है।
मुकेश अंबानी की बड़ी घोषणाएं -
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