माइक्रोसॉफ़्ट ने घोषणा की है कि उसके विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम पर 
चलने वाले स्मार्टफ़ोन पर अब गूगल के एंड्रॉयड और ऐपल के आईओएस पर चलने 
वाली ऐप्स भी चलेंगी।
कंपनी के ऑपरेटिंग सिस्टम अध्यक्ष ने बुधवार को ये घोषणा करते हुए कहा कि ये उनके फ़ोन्स को लोकप्रिय बनाने की कोशिश का एक हिस्सा है।
दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ़्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ़्ट की ये घोषणा स्मार्टफ़ोन्स के क्षेत्र में गेम-चेंजर साबित हो सकती है।
इस कंपनी के कंप्यूटर हालांकि दुनिया भर में लोकप्रिय हैं लेकिन ऐप्स के ज़्यादा विकल्प न होने की वजह से इसके टैबलेट और फ़ोन इतने लोकप्रिय साबित नहीं हो पाए।
माइकोसॉफ़्ट के स्मार्टफ़ोन्स में कम ऐप्स होने के कारण वो ज़्यादा लोकप्रिय नहीं हैं
चूंकि एंड्रॉयड और आईओएस ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले स्मार्टफ़ोन में ज़्यादा ऐप्स उपलब्ध हैं, इसलिए ज़्यादातर लोग इन्हें ही ख़रीदना पसंद करते हैं।
लेकिन अब जब माइक्रोसॉफ़्ट ने इन ऐप्स के लिए अपने विंडोज़ स्मार्टफ़ोन्स के दरवाज़े भी खोल दिए हैं, तो उसे उम्मीद है कि अब उन्हें हज़ारों-लाखों नए उपभोक्ता मिलेंगे।
साथ ही कंपनी को ये भी उम्मीद है कि अब ऐप डेवलपर भी उनके विंडोज़ फ़ोन्स के लिए नई ऐप्स बना सकेंगे।
माइक्रोसॉफ़्ट के लिए भारत दुनिया के चार बड़े तकनीक बाज़ारों में से है।
तकनीकी मामलों के जानकार प्रशांतो रॉय ने बीबीसी से बातचीत में कहा, 'ये अच्छी बात है कि माइक्रोसॉफ़्ट ने स्मार्टफ़ोन बाज़ार की वास्तविकता को स्वीकार करते हुए ये फ़ैसला लिया है। हालांकि भारत में इस घोषणा से कोई ख़ास फ़र्क नहीं पड़ने वाला क्योंकि यहां का मोबाइल उपभोक्ता फ़ोन ख़रीदने से पहले ऐप्स के बारे में ज़्यादा नहीं सोचता। ज़्यादातर भारतीय उपभोग्ताओं को व्हट्सऐप, फेसबुक जैसी ऐप्स का शौक है, जो कि हर स्मार्टफोन में उपलब्ध हैं।'
माइक्रोसॉफ़्ट के कार्यकारी उपाध्यक्ष टेरी मेयरसन ने कहा कि अब ऐप डेवलपर्स अपने ऐंड्रॉयड कोड का इस्तेमाल विंडोज़ वर्ज़न ऐप बनाने के लिए कर सकेंगे।
ये ऐप्स ऑटोमैटिकली माइक्रोसॉफ़्ट सेवाएं जैसे कि गूगल के बजाय बिंग मैप का इस्तेमाल करेंगी।
ये एक बेहद महत्तवपूर्ण पहलू है क्योंकि गूगल को अपनी सर्विसेज़ पर लगे विज्ञापनों का पैसा मिलता है। माइक्रोसॉफ़्ट की इस घोषणा पर गूगल और ऐपल की कोई प्रतिक्रिया फ़िलहाल नहीं आई है
माइक्रोसॉफ़्ट की इस घोषणा पर गूगल और ऐपल की कोई प्रतिक्रिया फ़िलहाल नहीं आई है।
पिछले साल माइक्रोसॉफ़्ट ने नोकिया हैंडसेट्स का बिज़नेस ख़रीद लिया था।
स्ट्रेटेजी एनालिटिक्स के मुताबिक माइक्रोसॉफ़्ट के हिस्से में पूरी दुनिया के स्मार्टफ़ोन बाज़ार के महज़ तीन प्रतिशत ही है।
इसके मुकाबले एंड्रायड के पास 81 प्रतिशत और ऐपल के पास 15 प्रतिशत शेयर है।
इस साल माइक्रोसॉफ़्ट अपना नया ऑपरेटिंग सिस्टम ‘विडोज़ 10’ लॉन्च करेगा जो कि पहली बार पर्सनल कंप्यूटर, टेबलेट और फ़ोन – तीनों डिविइस पर चलेगा।
कंपनी के ऑपरेटिंग सिस्टम अध्यक्ष ने बुधवार को ये घोषणा करते हुए कहा कि ये उनके फ़ोन्स को लोकप्रिय बनाने की कोशिश का एक हिस्सा है।
दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ़्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ़्ट की ये घोषणा स्मार्टफ़ोन्स के क्षेत्र में गेम-चेंजर साबित हो सकती है।
इस कंपनी के कंप्यूटर हालांकि दुनिया भर में लोकप्रिय हैं लेकिन ऐप्स के ज़्यादा विकल्प न होने की वजह से इसके टैबलेट और फ़ोन इतने लोकप्रिय साबित नहीं हो पाए।
माइकोसॉफ़्ट के स्मार्टफ़ोन्स में कम ऐप्स होने के कारण वो ज़्यादा लोकप्रिय नहीं हैं
चूंकि एंड्रॉयड और आईओएस ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले स्मार्टफ़ोन में ज़्यादा ऐप्स उपलब्ध हैं, इसलिए ज़्यादातर लोग इन्हें ही ख़रीदना पसंद करते हैं।
लेकिन अब जब माइक्रोसॉफ़्ट ने इन ऐप्स के लिए अपने विंडोज़ स्मार्टफ़ोन्स के दरवाज़े भी खोल दिए हैं, तो उसे उम्मीद है कि अब उन्हें हज़ारों-लाखों नए उपभोक्ता मिलेंगे।
साथ ही कंपनी को ये भी उम्मीद है कि अब ऐप डेवलपर भी उनके विंडोज़ फ़ोन्स के लिए नई ऐप्स बना सकेंगे।
माइक्रोसॉफ़्ट के लिए भारत दुनिया के चार बड़े तकनीक बाज़ारों में से है।
तकनीकी मामलों के जानकार प्रशांतो रॉय ने बीबीसी से बातचीत में कहा, 'ये अच्छी बात है कि माइक्रोसॉफ़्ट ने स्मार्टफ़ोन बाज़ार की वास्तविकता को स्वीकार करते हुए ये फ़ैसला लिया है। हालांकि भारत में इस घोषणा से कोई ख़ास फ़र्क नहीं पड़ने वाला क्योंकि यहां का मोबाइल उपभोक्ता फ़ोन ख़रीदने से पहले ऐप्स के बारे में ज़्यादा नहीं सोचता। ज़्यादातर भारतीय उपभोग्ताओं को व्हट्सऐप, फेसबुक जैसी ऐप्स का शौक है, जो कि हर स्मार्टफोन में उपलब्ध हैं।'
माइक्रोसॉफ़्ट के कार्यकारी उपाध्यक्ष टेरी मेयरसन ने कहा कि अब ऐप डेवलपर्स अपने ऐंड्रॉयड कोड का इस्तेमाल विंडोज़ वर्ज़न ऐप बनाने के लिए कर सकेंगे।
ये ऐप्स ऑटोमैटिकली माइक्रोसॉफ़्ट सेवाएं जैसे कि गूगल के बजाय बिंग मैप का इस्तेमाल करेंगी।
ये एक बेहद महत्तवपूर्ण पहलू है क्योंकि गूगल को अपनी सर्विसेज़ पर लगे विज्ञापनों का पैसा मिलता है। माइक्रोसॉफ़्ट की इस घोषणा पर गूगल और ऐपल की कोई प्रतिक्रिया फ़िलहाल नहीं आई है
माइक्रोसॉफ़्ट की इस घोषणा पर गूगल और ऐपल की कोई प्रतिक्रिया फ़िलहाल नहीं आई है।
पिछले साल माइक्रोसॉफ़्ट ने नोकिया हैंडसेट्स का बिज़नेस ख़रीद लिया था।
स्ट्रेटेजी एनालिटिक्स के मुताबिक माइक्रोसॉफ़्ट के हिस्से में पूरी दुनिया के स्मार्टफ़ोन बाज़ार के महज़ तीन प्रतिशत ही है।
इसके मुकाबले एंड्रायड के पास 81 प्रतिशत और ऐपल के पास 15 प्रतिशत शेयर है।
इस साल माइक्रोसॉफ़्ट अपना नया ऑपरेटिंग सिस्टम ‘विडोज़ 10’ लॉन्च करेगा जो कि पहली बार पर्सनल कंप्यूटर, टेबलेट और फ़ोन – तीनों डिविइस पर चलेगा।

 
 
 
 
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