ऑनलाइन शॉपिंग के बारे में क्या जानते हैं ये 7 बातें?


-रिटेलिंग की 7 बातें
फ्लिपकार्ट वेबसाइट से 25,000 रुपए में एक सैमसंग मोबाइल फोन खरीदने वाली को नवंबर में जो पैकेट मिला, उसमें एक पत्थर था। स्नैपडील से सैमसंग फोन खरीदने वाले व्यक्ति को उसमें विम साबुन की एक टिकिया मिली।

जिस अखबार में यह खबर छपी थी उसके अनुसार फ्लिपकार्ट इसके बदले दूसरा फोन भेज रहा है। स्नैपडील ने पैसा वापस कर दिया है (और विशेष पहल करते हुए विम साबुन बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर ने उस उपभोक्ता को एक सैमसंग फोन भेजा है)

गुड़गांव में एक मोबाइल-फोन स्टोर के मालिक ने ऐसी खबरों की कतरनों को बोर्ड पर लगा रखा है ताकि यह बताया जा सके कि ऑनलाइन खरीदारी कितनी अविश्वसनीय हो सकती है।

वह यह भी कहते हैं कि भारतीय ऑनलाइन खरीदारी के लिए अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने को लेकर सहज नहीं हैं। और हां, पिछले साल ख़ुदरा खरीद में से ऑनलाइन बिक्री का हिस्सा 1% से भी कम था।

तो फिर पारंपरिक खुदरा व्यापारी -टेलिंग (ऑनलाइन खुदरा बिक्री) को लेकर इतने चिंतित क्यों हैं?

क्योंकि इससे उनके व्यापार पर कई तरह से असर पड़ रहा है। ऑनलाइन खुदरा बाजार पर वरिष्ठ टेक्नोलॉजी लेखक प्रशांतो कुमार रॉय की विशेष श्रृंखला की पहली कड़ी में सात खास बातें

1.ज्यादा पैसा
दुनिया भर के निवेशक भारतीय -रिटेलिंग में अरबों डॉलर झोंक रहे हैं। जापान के सॉफ़्टमार्ट ने 10 अरब डॉलर, अमेजन ने 2 अरब डॉलर और फ्लिपकार्ट ने एक अरब डॉलर का निवेश किया है।

इसमें से ज़्यादातर पैसा संचालन मूल्य और ख़ासतौर पर विशेष धमाकेदार सेल्स और ऑफ़र्स के लिए सब्सिडी देने, जो उत्पाद की कीमत पर भी होती हैं, में किया जा रहा। इस सबका एक ही लक्ष्य है उपभोक्ता को जोड़ना।

पारंपरिक खुदरा विक्रेताओं के पास बिक्री पर सब्सिडी देने के लिए पैसा नहीं होता।
2.दाम गिराना
सभी उपभोक्ता ऑनलाइन खरीदारी नहीं करते। लेकिन उनमें से बहुत से मॉलों, डिपार्टमेंट स्टोरों और तो और किराना स्टोरों में जाने से पहले ऑनलाइन दाम देख लेते हैं। वह बहुत ज़्यादा सौदेबाज़ी करते हैं।

लेकिन ऑनलाइन मिलने वाले ऑफ़र्स में अक्सर डिस्काउंट होते हैं, कई बार सब्सिडी भी होती है। उनसे मुकाबले के लिए कई बार दुकानदारों को घाटे में माल बेचना पड़ता है।

http://sa.bbc.com/b/ss/bbcwglobalprod,bbchindi/1/H.22.1--NS/?c25=amarujala_mobile&c45=hindi&ch=partner&c5=story&g=http://m.amarujala.com/feature/technology/tech-diary/online-offline-retail-battle-in-india-hindi-news-va/3.कुछ उत्पादों पर भारी असर

जाने-माने ब्रांडों, मॉडल और विशिष्टता वाले उत्पादों को ऑनलाइन खरीदना आसान होता है। महानगरों से बाहर के कुछ कंप्यूटर उत्पादों के व्यापारियों ने तो बिक्री में 25% तक गिरावट की बात कही है, जिसकी वजह वह ऑनलाइन बिक्री को बताते हैं।

मोटोरोला और शियोमी जैसे कुछ फोन ब्रांड तो फ्लिपकार्ट जैसे -रिटेलर्स के साथ 'एक्सक्लूसिव' डील्स कर रहे हैं।

http://sa.bbc.com/b/ss/bbcwglobalprod,bbchindi/1/H.22.1--NS/?c25=amarujala_mobile&c45=hindi&ch=partner&c5=story&g=http://m.amarujala.com/feature/technology/tech-diary/online-offline-retail-battle-in-india-hindi-news-va/4.छोटे कस्बों में बड़ा बाज़ार

महानगरों के विपरीत भारत के छोटे कस्बों में मॉल या बड़े पैमाने वाले खुदरा स्टोर नहीं हैं। कस्बों में आमतौर पर चीज़ें महंगी मिलती हैं, ख़ासतौर पर तकनीकी उत्पाद, जो महानगरों के व्यापारियों से ख़रीदी जाती हैं और दाम बढ़ा दिए जाते हैं।

मोबाइल पर इंटरनेट आसानी से उपलब्ध होने के चलते अब कस्बों में भी ख़रीदार इंटरनेट पर दाम देख रहे हैं और अक्सर ऑनलाइन ख़रीदारी भी कर रहे हैं।
5.कैश ऑन डिलिवरी
बहुत से भारतीय ऑनलाइन क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल नहीं करना चाहते। इसलिए फ्लिपकार्ट जैसे -रिटेलर्स ने 'कैश ऑन डिलिवरी'- सामान मिलने पर ही भुगतान करें- शुरू किया।

हालांकि इससे -रिटेलर के लिए लॉजिस्टिक्स यानी पूरी प्रक्रिया को सही ढंग से चलाने में कुछ दिक्कतें खड़ी हो जाती हैं, क्योंकि फिर इसे पैसा सामान पहुंचाने वाले अपने साझीदार से लेना होता है, लेकिन यह तरीका बहुत सफल साबित हुआ है।

उपभोक्ता इससे बहुत ख़ुश हैं क्योंकि इससे उन्हें सामान मिलने में देरी की वजह से पैसा वापस लेने के झंझटों से नहीं गुज़रना पड़ता।
6.धमाकेदार सेल और सौदे
हालांकि सेल्स (सस्ते में सामान बेचना) खुदरा बिक्री का एक पुराना हिस्सा है लेकिन किसी बड़ी खुदरा शृंखला की सेल भी पूरे देश को प्रभावित नहीं करती।

लेकिन -रिटेलिंग में जिस तरह की छूट दी जा रही हैं, जैसे फ्लिपकार्ट की बिग बिलियन डे और अमेज़न का दिवाली धमाका सप्ताह, उसने देश भर में बाज़ारों, कीमतों को हिलाकर रख दिया।

भारी छूटों ने एक पैमाना तय कर दिया और फिर ग्राहक खुदरा व्यापारियों से भी उसी दाम के लिए सौदेबाज़ी करते हैं।

दिल्ली में एक शोरूम के मैनेजर ने बताया, "खरीदार धमाकेदार सेल की न्यूनतम कीमत देखते हैं और फिर उसी दाम पर हमसे सामान मांगते हैं"

7.मुफ़्त वितरण और बदलना
मुफ़्त में सामान पहुंचना (फ़्री डिलीवरी) और बदले जाने (रिप्लेसमेंट) की स्थिति में मुफ़्त में उठाया जाना ऐसे ग्राहकों के लिए बहुत आकर्षक होता है जो मॉल तक नहीं जाना चाहते।

एक बार फिर -रिटेलर निवेशकर्ताओं के पैसे को ही डिलिवरी और लॉजिस्टिक्स में सब्सिडी देने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

सामान्य खुदरा व्यापारियों के लिए इससे मुकाबला करना मुश्किल है। कुछ उपभोक्ता -रिटेलर्स से डिलिवरी मिलने में देरी की शिकायत करते हैं लेकिन फ्री डिलिवरी एक आकर्षक प्रस्ताव है।

भले ही ऑनलाइन -कॉमर्स अभी छोटा हो, लेकिन विशाल पूंजी की सहायता से, यह बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है।

सामान पर दी जा रही छूट बहुत से ग्राहकों को ऑनलाइन ख़रीदारी की ओर ला रही है और पारंपरिक खुदरा व्यापारियों का संतुलन गड़बड़ा रहा है जिनके पास -रिटेलिंग के फ़ायदे नहीं हैं।

बहरहाल, भारत में उपभोक्ताओं के लिए यह समय बहुत अच्छा है।

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