पर्थ और ब्रिसबेन वनडे: भारतीय पारी की 7 नायाब समानताएं


पर्थ के बाद ब्रिसबेन वनडे मैच में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों को रोक पाने में नाकाम रहे। वनडे इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब टीम इंडिया ने कंगारुओं के घर में जाकर लगातार 2 मैचों में 300 से ज्यादा का स्कोर करने का कारनामा कर डाला। इससे पहले पर्थ और ब्रिसबेन में भारतीय कप्तान धोनी ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। और फिर भारत यह मैच हार गया


अब तक कहा जाता था कि टीम इंडिया के बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया की तेज पिचों पर ढंग से खेल नहीं पाते हैं और उन्हें रन बनाने के लिए खासा संघर्ष करना पड़ता है, लेकिन इस बार मामला थोड़ा जुदा है और बल्लेबाज लगातार रन बना रहे हैं और वह भी खराब शुरुआत के बाद। पहली बार ऑस्ट्रेलिया में दोनों टीमें आपस में द्विपक्षीय वनडे सीरीज खेल रही हैं और काफी रन बन रहे हैं।



5 मैचों की सीरीज के शुरुआती दोनों मैचों के परिणाम को पीछे छोड़ भी दिया जाए तो इन दोनों मैचों में गजब की समानता देखने को मिली है। पर्थ और ब्रिसबेन वनडे में भारतीय गेंदबाजी शुरू होने से पहले के कई शानदार समानताएं देखने को मिली। आइए, जानते हैं कि इन दोनों मैचों की 7 गजब की समानताओं के बारे में।

पहली समानता जुड़ी है टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन से, जो दोनों ही वनडे मैचों में रोहित शर्मा के साथ पारी की शुरुआत करने आए और दोनों ही बार दहाई का आंकड़ा नहीं पार कर सके। पर्थ में वह 9 रन बनाकर आउट हुए तो ब्रिसबेन में 6 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। इन दोनों ही बार वह कैच आउट भी हुए।  

दूसरी समानता है शिखर धवन के सस्ते में आउट होने के बाद जल्द ही क्रीज पर आए विराट कोहली और रोहित शर्मा के बीच हुई शतकीय साझेदारी का। दोनों ही मैचों में धवन के जाने के बाद रोहित और कोहली ने दूसरे विकेट के लिए शतकीय साझेदारी की। पर्थ में दोहरी शतकीय साझेदारी और फिर ब्रिसबेन में दोनों के बीच 125 रनों की साझेदारी हुई।

तीसरी समानता, ओपनर रोहित शर्मा और विराट कोहली ने दोनों ही पारियों में 50 से ज्यादा का स्कोर किया। लेकिन दोनों ही मौकों पर कोहली ने रोहित से कम गेंदों में फिफ्टी ठोंकी। रोहित ने पर्थ में जहां 63 गेंदों में 50 रन बनाए तो कोहली ने 61 गेंदों में। वहीं ब्रिसबेन में रोहित ने फिफ्टी के लिए 61 गेंद लिए तो कोहली ने 60 गेंद।

चौथी समानता, 'हिटमैन' रोहित शर्मा से ही जुड़ी हुई है। वह पर्थ के बाद ब्रिसबेन वनडे मैच में भी छक्के की शुरुआत करने वाले पहले बल्लेबाज हैं। रोहित ने पहले वनडे में जहां 7 छक्के लगाए तो वहीं दूसरे वनडे में 3 छक्के जड़े थे। वह भारत की ओर से लगातार 2 मैचों में छक्के की शुरुआत करने वाले बल्लेबाज हैं।

पांचवीं समानता भी रोहित शर्मा से ताल्लुक रखती है। और यह समानता है उनके शतक से पहले 35वें ओवर में 98 रन का स्कोर करना। यह गजब का संयोग है कि इन दोनों मैचों में भारतीय पारी के 35वें ओवर के दौरान रोहित का स्कोर 98 रन था। दिलचस्प यह भी है कि इस समय तक उन्होंने दोनों पारियों में 3-3 छक्के लगाए थे

छठी समानता, शतकवीर रोहित शर्मा से ही जुड़ी हुई है। पर्थ में उन्होंने पहली ही गेंद पर टीम का खाता खोला तो ब्रिसबेन वनडे में वह तीसरी गेंद से खाता खोल पाए। यहां खास यह है कि दोनों ही मौकों पर उन्होंने 2 रन से टीम का खाता खोला।

सातवीं समानता, रोहित शर्मा ने दोनों ही मैचों में भारत की ओर से सबसे बड़ी पारी खेली, लेकिन उनके बाद दूसरे नंबर पर रहने वाले बल्लेबाज ने अपनी पारी में एक-एक छक्का जड़ने का संयोग बनाया है। पर्थ में विराट कोहली ने 91 रन की पारी में एक छक्का ठोंका तो ब्रिसबेन में अजिंक्य रहाणे ने 89 रन की पारी में एक छक्का लगाया।      

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